कॉल सेंटर की रात | qayamat ki raat | darawani kahani hindi

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कॉल सेंटर की रात | qayamat ki raat | darawani kahani hindi:

ये कहानी नेहा की है । जो गर्ल्स हॉस्टल मे रहती है और वह अपने कॉलेज ख़त्म होते ही कॉल सेंटर जॉब ज्वाइन कर लेती हैं । नेहा अपनी नई जॉब के लिए बहुत उत्साहित है । नेहा की नौकरी का पहला दिन है और वह तैयार होकर समय से पूर्व ही कॉल सेंटर पहुँच जाती है । जहाँ उसे उसके टीम लीडर उसे काम की प्रक्रिया समझाते हैं | नेहा कॉलेज में बहुत ही होनहार छात्रा थी, इसलिए उसे काम को समझने में कोई ज़्यादा परेशानी नहीं होती और वह पहले ही दिन से क्लाइंट कॉल अटेंड करने लगती है | नेहा के बात करने का तरीक़ा इतना अच्छा रहता है, कि वह पहले ही दिन कई ऑर्डर जनरेट कर देती है | यह देखकर नेहा का टीम लीडर बहुत ख़ुश होता है और उसके काम के लिए, उसे सबके सामने प्रोत्साहित करता है | नेहा खुश हो जाती है और कई दिन होने के बाद अब नेहा को भी यह काम अच्छा लगने लगता है | नेहा अपने काम से इतना प्यार करने लगती है, कि उसे कई बार अपनी टाइमिंग का भी पता नहीं चलता | कई दिन ऐसे ही चलते रहते हैं | एक दिन नेहा का टीम लीडर उसे नाइट शिफ़्ट करने के लिए कहता है | लेकिन नेहा रात में काम करने को मना कर देती है | दरअसल कॉल सेंटर की रात को काम करने वाले स्टाफ़ में कमी आ जाती है | जिसकी वजह से नेहा को अप्रोच किया जाता है | काम की मजबूरी के चलते नेहा हाँ कर देती है और अगली रात 8 बजे से नेहा कॉल सेंटर पहुँच जाती है | नेहा जैसे ही अपना हेड फ़ोन लगाती है |

qayamat ki raat
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लेकिन वह इस कॉल को नज़रअंदाज़ कर देती है, उसे लगता है, यह ज़रूर किसी की शरारत होगी और वह रात की शिफ़्ट ख़त्म करके सुबह अपने हॉस्टल पहुँचती है | हॉस्टल में नेहा खाना खाते वक़्त TV देख रही होती है | तभी उसे ख़बर मिलती है, कि उसके टीम लीटर की कार एक्सीडेंट में मौत हो गई है और यह देखते ही नेहा अपना खाना छोड़कर अपने कॉल सेंटर भागती है | वहाँ उसे पता चलता है, कि उसके टीम लीडर नाइट शिफ़्ट ख़त्म करके अपने घर जा रहे थे और रास्ते में ही 1 ट्रक से उनका एक्सीडेंट हो गया और उनकी मौत हो गई | लेकिन नेहा इसलिए ज़्यादा परेशान थी, क्योंकि रात को जो कॉल आया था, उसमें यही मैसेज था, कि सुबह तुम्हारे टीम लीडर की कार एक्सिडेंट से मृत्यु हो जाएगी और वह कॉल हक़ीक़त में बदल चुका था | जिससे नेहा बहुत परेशान थी | वह सभी को यह बात बताना चाहती थी, लेकिन उसे अच्छे से पता है, कि कोई उसकी बात का यक़ीन नहीं करेगा | नेहा पता करना चाहती है, कि वह कॉल किसने किया था, इसलिए वह अपने एडमिनिस्ट्रेशन मैं जाकर कॉल डिटेल पता करती है | लेकिन जिस समय नेहा को कॉल आया था | उस समय का कोई भी रिकॉर्ड मौजूद नहीं होता | इसका मतलब उस समय किसी क्लाइंट का कॉल नेहा को नहीं आया था | नेहा इस बात पर यक़ीन ही नहीं कर पा रही थी, कि उस कॉल की वजह से ही उसके टीम लीडर की मौत हुई और वह परेशान होकर अपने हॉस्टल वापस लौट जाती है | सारा दिन परेशानी झेलने के बाद वह, अपनी नाइट शिफ़्ट के लिए तैयार होती है और कॉल सेंटर पहुँच जाती है | यहाँ उसके सहकर्मी पहले से ही काम कर रहे होते हैं और टीम लीडर के स्थान पर एक नए व्यक्ति को नियुक्त किया जाता है | नेहा जाते ही नए टीम लीडर से परिचय करती है और उसके बाद क्लाइंट कॉल अटेंड करने में लग जाती है | देखते ही देखते रात 12 बज जाते हैं और फिर उसे, उसी तरह का एक और कॉल आता है और उसमें बताया जाता है, कि आज रात दो बजे कॉल सेंटर के सर्वर रूम में आग लग जाएगी, जिससे कॉल सेंटर का सारा क्लाइंट डाटा बर्बाद हो जाएगा और इससे कंपनी को बहुत नुक़सान होगा | लेकिन नेहा इस बार, इस बात को हल्के में नहीं लेती और अपने नए टीम लीडर से जाकर सारी बात बता दे दी है और वह भी नेहा की बात पर भरोसा करते हुए सर्वर रूम का परीक्षण करता है | लेकिन वहाँ किसी तरीक़े की तकनीकी खराबी नहीं होती और वह नेहा से कहता है, “यहाँ सब कुछ ठीक है, दुर्घटना होने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है | ज़रूर तुम्हें फ़र्ज़ी कॉल आया होगा | तुम अपने काम में लग जाओ | इन सब बातों पर ध्यान मत दो कॉल सेंटर में स्पैम कॉल आम बात है” और नेहा वापस कॉल अटेंड करने में लग जाती है |कुछ समय बाद जैसे ही 2 बजते हैं | सर्वर रूम में एक छोटा सा धमाका होता है और काम कर रहे सभी लोग भागते हुए वहाँ पहुँचते हैं और देखते ही देखते, सारे कमरे में आग लग जाती है |

darawani kahani hindi
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टीम लीडर सभी से आग बुझाने को कहते हैं | तभी वहाँ रखे हुए पानी के कंटेनर से सभी, आग बुझाने में क़ामयाब हो जाते हैं | लेकिन सर्वर रूम जलकर ख़ाक हो चुका था और अब वहाँ कोई बैकअप नहीं किया जा सकता था | मतलब जो कॉल आया था, वह पूरी तरह सच साबित हो चुका था और यह बात केवल नेहा और उसका टीम लीडर ही जानते थे | नेहा का टीम लीडर उसे अपने चैम्बर में बुलाता है और नेहा से पूछता है, “तुम्हें ऐसे कॉल कब से आ रहे हैं” नेहा कहती है, “जिस दिन से मेरे काम की शिफ़्ट चेंज हुई, उसी रात 12 बजे पहला कॉल आया था | लेकिन मैंने उसे ज़्यादा महत्व नहीं दिया था और जब उस कॉल में बतायी गई बात, सच हो गई तो, मैं दूसरी कॉल आते ही, आपके पास आयी और यह घटना भी सच हो गई | टीम लीडर नेहा के साथ मिलकर योजना बनाता है और अगली रात 12 बजे के कॉल के लिए दोनों तैयार होते हैं | जिसमें एक ही कॉल को सुनने के लिए दोनों अलग अलग हैडफ़ोन कनेक्ट करते हैं | तभी 12 बजते ही कॉल आता है और नेहा कॉल रिसीव करती है और साथ ही अपने टीम लीडर को भी इशारा करती है, ताकि वह भी कॉल में बतायी जा रही बातें, सुन सकें और दोनों हैडफ़ोन लगा लेते हैं | नेहा की हेड फ़ोन में आवाज़ आती है, कि आज कॉल सेंटर के चौकीदार की मौत करंट लगने से होगी और तभी नेहा डर वजह से हेडफोन निकाल देती है और टीम लीडर के चेंबर में भागते हुए जाती है और कहती है, “सर सुना आपने, आज हमारे कॉल सेंटर के चौकीदार की मौत होने वाली है” लेकिन ताज्जुब की बात तो यह है, कि टीम लीडर को कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी थी और उसके हिसाब से नेहा को भी कोई कॉल नहीं आया था, क्योंकि ट्रैकिंग डिवाइस में किसी कॉल की पुष्टि नहीं हो रही थी | लेकिन टीम लीडर नेहा की बात पर यक़ीन करने लगा था और इसलिये वह नेहा की बात मान लेता है और तभी वह कॉल सेंटर के सिक्योरिटी स्टाफ़ को बुलाता है और उसे पता चलता है, कि एक बहुत ही पुराने कर्मचारी हैं, जो आज ड्यूटी पर नहीं आए | शायद उनकी तबीयत कुछ ठीक नहीं है | टीम लीडर आए हुए सुरक्षाकर्मियों को केवल आज की रात इलेक्ट्रॉनिक सैटअप से दूर रहने का ऑर्डर देता है, ताकि कोई करंट से न मारा जाए |

कॉल सेंटर की रात
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सारी रात गुज़र जाती है | नेहा की जान में जान आती है और वह टीम लीडर से कहती है, “सर हमने अपने सुरक्षाकर्मियों को बचा लिया” लेकिन तभी टीम लीडर के मोबाइल मैसेज जाता है | आज रात को वह सुरक्षाकर्मी करंट लगने से मर गया, जिसने छुट्टी ले रखी थी | टीम लीडर परेशान हो जाता है और नेहा से कहता है, “हमें इन हत्याओं का कारण जानना होगा, क्योंकि हमारे कॉल सेंटर में लगातार यह हादसे हो रहे हैं और सिर्फ़ तुम्हें ही इसकी जानकारी क्यों मिल रही है ? तभी दोनों कॉल सेंटर का इतिहास जानने की कोशिश करते हैं और पुराने कर्मचारियों से संपर्क बनाते हैं | उन्हें एक पुरानी कर्मचारी महिला मिलती है, जो लगभग 12 साल पहले वहाँ काम कर रही थी | लेकिन उसके साथ कुछ पुरुष कर्मचारियों द्वारा, ग़लत बर्ताव किया जाता था, इसलिए मजबूरी में उसे अपना काम छोड़ना पड़ा और उसकी सहेली जिसका नाम भी “नेहा” था, उसके साथ तो बहुत ही ग़लत हुआ था | जिस सदमें से उसने उसी कॉल सेंटर मैं फाँसी लगा ली थी और कुछ समय के लिए वह कॉल सेंटर बंद रखा गया था | नेहा की टीम लीडर को अब सारी बात समझ में आने लगती है और उसे एहसास होने लगता है, कि वही लड़की नेहा से सम्पर्क बना रही है, क्योंकि वह नेहा में ही अपने आप को ढूंढ रही थी | नेहा यह बात जानते ही डर जाती है और वह अपनी नौकरी छोड़ने का फ़ैसला करती है | लेकिन टीम लीडर उसे मनाने की कोशिश करता है और कहता है, “तुम ही हो, जो उससे संपर्क बना सकती हो और यदि तुम चली गई तो ये हादसे हमेशा होते रहेंगे और हमें पता भी नहीं चलेगा | ज़रा सोचो कितने निर्दोष लोगों की जान जा सकती है और यह बात सुनते ही नेहा मन बना लेती है कि वह पता लगा कर रहेगी, कि यह हादसे कैसे रोके जा सकते हैं और दोनों मिलकर एक व्यक्ति के पास जाते हैं | जिसे वैज्ञानिक रूप से भूतों से संपर्क साधना आता था |

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वहाँ जाकर उस व्यक्ति से उन्हें पता चलता है, कि जब तक उसका बदला शांत नहीं होगा, वह ऐसे ही हत्या करती रहेगी | लेकिन यदि हम उसकी आत्मा का संपर्क कॉल सेंटर से अलग करने में क़ामयाब हो जाए, तो हादसे रोके जा सकते हैं | लेकिन इसके लिए नेहा की जान को ख़तरा हो सकता था, क्योंकि उस वक़्त नेहा को अकेले ही कॉल सेंटर में रहना होगा और जैसे ही वह नेहा से संपर्क करेगी, तो उसे नेहा के शरीर के अंदर आने के लिए यह व्यक्ति विवश कर देगा और उसे नेहा के शरीर के अंदर रखते हुए, कॉल सेंटर से बाहर निकाल कर, किसी दूसरे स्थान में उसे आज़ाद कर देगा | जिसके लिए उससे जुड़ी पहले की कोई पुरानी वस्तु ही ज़रिया बन सकती है और अधिक जानकारी जुटाने से उन्हें पता चलता है, कि वह हेड फ़ोन जो नेहा इस्तेमाल करती थी, उसे वही लड़की इस्तेमाल किया करती थी | लेकिन यह कार्य गुप्त तरीक़े से किया जाना था, क्योंकि वहाँ लोगों के होने से असफल होने का ख़तरा था | टीम लीडर सभी स्टाफ़ को छुट्टी दे देते हैं और तीनों मिलकर योजना को अंजाम देने के लिए कॉल सेंटर पहुँच जाते हैं | रात 12 बजते ही हमेशा की तरह कॉल आता है और योजना के अनुसार वैज्ञानिक उस आत्मा को तकनीकी प्रक्रिया के तहत, नेहा के शरीर में, उसे प्रवेश करवा देते हैं और नेहा बहुत अजीब सा बर्ताव करने लगती है | उसे संभलना मुश्किल हो जाता है, तभी दोनो, नेहा को रस्सी के सहारे बाँध कर कार तक ले जाते हैं और एक सूनसान जगह, धार्मिक स्थल पर उसे आज़ाद करने की तकनीकी प्रक्रिया करते हैं |

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कुछ ही घंटों बाद नेहा को होश आ जाता है | टीम लीडर यह देखकर बहुत ख़ुश होता है, क्योंकि उन्होंने ख़तरा उठाते हुए इतना बड़ा काम कर लिया था और बहुत से बेक़सूर लोगों को मरने से बचा लिया था | इस हादसे ने नेहा को झकझोर के रख दिया इसलिए वह अपनी नौकरी छोड़ देती है और अपने गाँव वापस चली जाती है | इस घटना के बाद कुछ दिनों के लिए कॉल सेंटर में नाइट शिफ़्ट बंद कर दी जाती है | इस घटना के कुछ दिन बीते ही थे अचानक 12 बजे फिर कॉल सेंटर में कॉल आता है, जबकि सारा सिस्टम बंद किया जा चुका था | लेकिन फ़ोन की घंटी बजती रहती है और कहानी ख़त्म हो जाती है |

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